Thursday, May 13, 2010

मनुष्य के जीवन पर प्रथम अधिकार भगवान हैं, द्वितिय मात्रभूमि का, तीसरा माता-पिता एवं गुरू का एवं फिर स्वयं का, क्योंकि भगवान परम पिता हैं, उन्होंने हमें यह बहुमूल्य मानव जीवन प्रदान किया हैं, एवं मातृभूमि ने अपने उपजे अन्न से हमारा पोषण किया हैं, इस धरती पर हमें जन्म देने वाले माता-पिता के भी हम ऋणी हैं एवं गुरू जिन्होंने हमारा मार्ग प्रशस्त किया हैं, हमें ज्ञान प्रदान किया है, उनका भी हमारे ऊपर बहुत बड़ा उपकार हैं।

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