Thursday, July 22, 2010

"जीवतं सफलं तस्य, य़ः परार्थोद्यतः सदा" अर्थात जीवन उसी का सफल और सार्थक हैं जो सदा परोपकार में संल्गन रहता हैं, परोपकारी को किसी चीज़ का भय नहीं रहता न पाप का और न ही पतन का, उसे तो केवल लोक-परलोक दोनो में ही जयजयकार ही मिलती हैं एवं परोपकारी व्यक्ति सदा ही पूज्यनीय हैं।

1 comment: