Monday, May 2, 2011
भगवान ही माता-पिता का रूप ले हमें जन्म देते हैं, गुरू बन हमें शिक्षा प्रदान करते हैं, हम सब और यह सम्पूर्ण ब्रहांड उस परमात्मा का ही तो सगुण साकार रूप हैं। जिस ओर भी आपकी दृष्टि जाती है सब ओर ईश्वर का ही ऐश्वर्य व्याप्त हैं, किसी फूल की सुंदरता हो या किसी जीव की चंचलता सबमें वह निराकार ही तो समाये हैं। अतः सबका सम्मान कीजिए और किसी को आहत मत कीजिए।
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