Friday, May 21, 2010
जिस तरह ईश्वर स्वयं सबसे सुन्दर हैं उसी प्रकार उनकी बनाई कोई भी कृति कुरूप कैसे हो सकती हैं, अर्थात इस संसार में कोई व्यक्ति या पदार्थ असुंदर नहीं हैं, यह तो हमारा दृष्टिकोण हैं जो किसी भी वस्तु को सुंदर अथवा कुरूप बना देता हैं। सृष्टा ने इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अतिसुंदर एवं स्मपूर्ण रचा हैं, अपनी किसी भी कृति को अपूर्ण छोड़े बिना।
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hundred percent correct.
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