Monday, May 24, 2010
हर मनुष्य के अतःकरण के भीतर ईश्वर विद्यमान हैं एवं इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं कि जो भी व्यक्ति गल्त काम करने लगता हैं उसे उसका अतःकरण अवश्य धिक्कारता हैं क्योंकि वह उसकी आत्मा की पुकार होती हैं और आत्मा परमात्मा का ही तो स्वरूप हैं, तो जब भी किसी काम में दुविधा हो तो अपने अतःकरण की पुकार अवश्य सुनें एवं उसका अनुसरण करें।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment