Wednesday, August 18, 2010
हम स्थूल नहीं सूक्षम जीवन हैं जो अज़र एवं अमर हैं, हमारा सीधा संबंध उस परम तत्व से हैं परन्तु अज्ञान के अंधकार के कारण हम इस परम सत्य को देख नहीं पाते इसी कारण हम गहन निद्रा में हैं और हमें आवश्यकता हैं इस अंधकार से उभरने की और प्रकाश की ओर बढ़ने की ताकि हम उस परम प्रकाश से साक्षातकार कर सकें और भव सागर से पार हो जाएँ।
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Best of luck!for your honeymoon trip.
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