Friday, April 29, 2011

Do not let your happiness depend upon others and their words. You are bound to be happy as you are a beloved child of God.
अपना जीवन संचालित कीजिए, सदा सच का साथ दीजिए क्योंकि आप शरीर नहीं आत्मा है, आत्मा में सारे गुण है, वह तो परमात्मा के ही समान सर्वशक्तिमान हैं, उसमें वो सभी शक्तियाँ है जो परमात्मा ने हमें प्रदान की हैं और यदि हम चाहें तो अपनी उन शक्तियों को विकसित कर हम परमात्मा को भी प्राप्त कर सकते हैं, एवं इस मानव जीवन का ध्येय पूरा कर सकते हैं।

Thursday, April 28, 2011

अच्छा या बुरा तय करने वाले हम कौन होते हैं हमें किसने यह हक प्रदान किया हैं?भगवान ने जो कुछ रचा है अच्छा ही रचा है, ईश्वर की रचना से ज्यादा सुन्दर और अच्छा कुछ हो ही नहीं सकता, परन्तु यदि हमें कुछ गल्त भी लगता है तो वो केवल इसीलिए रचा गया है ताकि हम उससे कुछ सीख सकें और अपने जीवन में और बेहतर बन सके।

Wednesday, April 27, 2011

जब मनुष्य सही रास्ते पर चलना चाहता है तो उसे राह में बहुत सी बाधाएँ मिलती है, सर्वप्रथम सभी उसका तिरस्कार करते है, फिर उसकी उपेक्षा करते है और फिर भी न माने तो विरोध करते हैं, परन्तु ईश्वर का सच्चा भक्त सदा ही अपने कर्तव्य पर अडिग रहता है और विरोधियों से घबराता नहीं।

Tuesday, April 26, 2011

भागवत में कहा गया है कि मनुष्य को लालच और अंहकार से दूर रहना चाहिए, धैर्य और उत्साह का दामन नहीं छोड़ना चाहिए, वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए तो जीवन आधारपूर्ण हो जाता है, हर इंसान को भगवान ने रचा है एवं उसके जीवन का एक लक्ष्य प्रदान कर उसे इस दुनिया में भेजा है।

Monday, April 25, 2011

Never lose hope in life, anything can be accomplished if you have faith in yourself and The Almighty. He is the creator,preserver and destroyer, He is the one who manages everything.

Friday, April 22, 2011

हमारी स्थूल पाँच कर्म-इन्द्रियों के साथ-साथ हमारी तीन सूक्ष्म इन्द्रियाँ मन, बुद्धि और संस्कार भी हमारे वश में आ जाते है यदि हम आत्मा को प्रधानता देते है, क्योंकि आत्मा को चलाने वाले परमात्मा हैं और आत्मा है जो शरीर को चलाती है, यदि हम यह बात समझ ले कि हमें आत्मा को महत्ता देनी है तो जीवन बहुत सरल हो जाएगा और हम उन परमपिता से अपना रिश्ता सदैव कायम रख पाएँगे, जो हमारा स्रोत भी है और अंत भी।

Thursday, April 21, 2011

ये जीवन प्रभू कृपा के बगैर जीना नामुमकिन हैं, पग-पग पर जीवन के हर कदम पर ईश्वर किसी न किसी रूप में आपका आसरा बनते हैं,आपको ज्ञात ही नहीं होता कि किस प्रकार वो आपको इस भवसागर को पार कराने वाले खैवया बन जाते हैं और आपकी नैया पार लगा देते हैं, आपका प्रभू की ओर पूर्ण समर्पण ही है जो आपको इस जगत में तार सकता है।

Wednesday, April 20, 2011

यह सब कुछ जो आपके आस-पास है, पृथ्वी, आकाश, फल-फूल, वृक्ष,सारा वनस्पति जगत, सम्पूर्ण वन सम्राराज्य सभी कुछ परमपिता की ही देन हैं, जब परमेश्वर ने आपके लिए यह सम्पूर्ण जगत रचा है तो क्या आप इतने कृत्घन हैं कि जिस परमात्मा ने सब कुछ दिया है उसका आप धन्यवाद भी नहीं कर सकते?

Tuesday, April 19, 2011

यदि आप किसी का भला नहीं कर सकते तो न सही पर सपने में भी किसी का बुरा न सोचें क्योंकि आपकी सोच ही है जो आपको अपने विचारों को अच्छा या बुरा बनाती है, इसीलिए उस पर आपका भविष्य निर्भर करता हैं, सदा अच्छे विचार ही रखें और सबका भला ही सोचें।

Monday, April 18, 2011

न आकाश न पाताल, न मक्का,न मदीना भगवान का स्थान तो यह नही है, मेरे परमपिता परमात्मा तो हरेक इंसान के अतःकरण में निवास करते हैं, केवल उन्हे तलाशिए और अपना सर्वस्व उनको समर्पित कर दीजिए, जिस तरह वो चाहते हैं उसी तरह अपना जीवन व्यतीत कीजिए और बाकी सब की चिंता भगवान पर छोड़ दीजिए।

Friday, April 15, 2011

यह जीवन आपादाओं और विपत्तियों से भरा है और बिना प्रभु कृपा से इस भवसागर से पार पाना नामुमकिन है, जीवन की किसी भी परिस्थिति में हम हार सकते हैं और जीत भी सकते है यदि हम प्रभू से शक्ति लें कार्य करें तो कुछ भी नामुमकिन नहीं और परमपिता का अंश होने के कारण ऐसा कुछ भी नहीं जो हमारे सामर्थ में न हो, हमारी आत्मा का सामर्थ हमारी सोच से कई गुणा बड़ा है और उसकी शक्ति का पार पाना नामुमकिन।

Thursday, April 14, 2011

ईश्वर से जो जीवन मिला है उसका सदुपयोग करें और समय व्यर्थ न गवाएँ, हर पल हर क्षण परमात्मा को स्मरण करें और सभी का भला करें, किसी को आहत न करें, अपनी गल्ती पर क्षमा माँगने से चूके नहीं और अपना जीवन अर्थपूर्ण बनाएँ।

Wednesday, April 13, 2011

ईश्वर से शक्ति लेकर उसे सभी आत्माओं में प्रवाहित कीजिए ताकि वो आत्माएँ जो दर्द में है उन्हे भगवान की प्रेम और शांति की तंरगे आपके द्वारा मिल सकें और वह अपने दुख-दर्द से निकलने में सक्षम हो सकें।

Tuesday, April 12, 2011

Instead of being a Pauper, Be a King
Keep giving everyday instead of asking
Don't expect anything in return!

Monday, April 11, 2011

"संगीत है शक्ति ईश्वर की हर स्वर में बसे राम
रागी जो सुनाए रागिनी रोगी को मिले आराम"

Friday, April 8, 2011

जीवन ईश्वरप्रदत्त अमूल्य संपदा हैं जिसे प्राप्त तो सभी करते हैं परन्तु इसका सदुपयोग सभी नहीं कर पाते और दुबुद्धि से बनाई दिनचर्या पशु-पक्षियों के अविकसित जीवन से भी ज्यादा दुखदायी एवं कष्टकारी होता है इसीलिए भगवान द्वारा दी गई इस अनमोल संपदा को व्यर्थ न गवाएँ।

Thursday, April 7, 2011

केवल अपने लिए तो जानवर भी जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीता हैं वो ही मनुष्य है। परमात्मा की बनाई इस पवित्र सृष्टि में सभी ओर पवित्रता और आनन्द व्याप्त है। जो मनुष्य सब ओर इस पवित्रता को अनुभव करता है और ईश्वरीय श्रेष्ठताओं को विकसित एवं प्रचलित करता है, वह देव-दृष्टि धारण करता है और वह देव-कर्म करता हैं।

Wednesday, April 6, 2011

जिसने कभी अंधेरा नहीं देखा वह रोशनी(उजाले) का अधिकारी नहीं, जिसका कभी अपमान न हुआ वह सम्मान का हकदार नहीं, जिसने कभी अभाव नहीं देखा वे वैभव का हिस्सेदार नहीं, जिसके मन में संतोष नहीं वह सुख का ज्ञाता नहीं। जीवन की हरेक अवस्था में केवल ईश्वर को ही स्मरण करें, सुख-दुख तो आते जाते ही रहेगें परन्तु जिसे प्रभु प्रेम का आसरा है वो हर हाल में समृद्ध हैं।

Tuesday, April 5, 2011

हमेशा स्वयं के लिए और औरों के लिए अच्छा ही सोचें क्योंकि जो भी आप सोचते उसकी तरंगे दूसरों तक जल्द ही पहुँच जाती है और आपको भी उनके द्वारा भेजी हुई तरंगे मिल जाती हैं इसीलिए सदैव भला और शुभ ही सोचें ताकि दूसरों का भी भला हो और स्वयं का भी।

Monday, April 4, 2011

आ गए हैं दर पे हमारे पावन माँ के नवरात्रे, मगंलमय नौ दिन है जिसमें की गई अर्चना और सच्चे दिल से की गई अराधना कभी विफल नहीं जाती।

Friday, April 1, 2011

यह सम्पूर्ण जीवन एक रंगमंच समान ही तो है, हम सभी कलाकार हैं और हमारी डोर ईश्वर के हाथ है, कब किसकी डोर खिंच जाए और कलाकार चला जाए यह तो संचालक(भगवान) ही बता सकते हैं। एक आत्मा ही तो है जो ईश्वर के ही समान कभी न मिटने वाली है और जिसका परमात्मा के साथ अटूट संबंध है जो कभी भी समाप्त नहीं होगा।