जब मनुष्य सही रास्ते पर चलना चाहता है तो उसे राह में बहुत सी बाधाएँ मिलती है, सर्वप्रथम सभी उसका तिरस्कार करते है, फिर उसकी उपेक्षा करते है और फिर भी न माने तो विरोध करते हैं, परन्तु ईश्वर का सच्चा भक्त सदा ही अपने कर्तव्य पर अडिग रहता है और विरोधियों से घबराता नहीं।
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