Friday, April 15, 2011
यह जीवन आपादाओं और विपत्तियों से भरा है और बिना प्रभु कृपा से इस भवसागर से पार पाना नामुमकिन है, जीवन की किसी भी परिस्थिति में हम हार सकते हैं और जीत भी सकते है यदि हम प्रभू से शक्ति लें कार्य करें तो कुछ भी नामुमकिन नहीं और परमपिता का अंश होने के कारण ऐसा कुछ भी नहीं जो हमारे सामर्थ में न हो, हमारी आत्मा का सामर्थ हमारी सोच से कई गुणा बड़ा है और उसकी शक्ति का पार पाना नामुमकिन।
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