Friday, January 21, 2011
यदि इस संसार में प्रसन्न रहना चाहते हैं तो हर घटना को ईश्वरीय आदेश समझ अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए। क्योंकि जो मनुष्य केवल अनुकूलताओं में खुश रहता है और प्रतिकूलता आते ही दुखी हो जाता है वास्तव में वह कभी तरक्की नहीं कर सकता। किन्तु जो व्यक्ति विषादों में भी मुस्कुरता है और सुख मिले या दुख सदैव प्रसन्न रहता है वह अवश्य ही उन्नति के शिखर पर पहुँचता है। ऐसा होना उसी व्यक्ति के लिए संभव है जो भगवान पर अडिग विश्वास रखता हो और संसार में होने वाली हर घटना को प्रभू इच्छा ही मानें।
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