Wednesday, February 23, 2011
यदि कोई आपका अपना आपसे इतना दूर चला जाए कि उसके लौटने की कोई उम्मीद न हो तो उसके लिए इतना न रोएँ और शोक न करें कि उसे अपने नए जीवन से आपके पास दोबारा लौट के आना पड़े क्योंकि मौत तो एक ऐसी सच्चाई है कि जिसे कभी न कभी हरेक के जीवन में घटित होना है और जितना आप अपने प्रिय जन को बार-बार बुलाएँगे तो आत्मा (अनश्वर)अपने नए शरीर में स्थापित नहीं हो पाएगा और पुराने शरीर में भी वापिस नहीं आ पाएगा, इसीलिए अपने प्रिय जन की आत्मा की शांति के लिए उसे केवल प्रेम और शांति की तंरगे प्रवाहित करें, दुख और रुदन की नहीं ताकि आपके प्रिय जन की आत्मा अपने नए जीवन में स्थापित हो सके।
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bahut accha laga aapka blog aur aapke comments.
ReplyDeleteShukriya
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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