Tuesday, February 1, 2011
अपनेआप को पहचानना इतना आसान नहीं हमारी चेतन पहचान जब हमें समझ में आती है तभी हमें परमात्मा मिलते हैं, परन्तु वह पहचान कामनाओं और मोह-माया के जाल में जकड़ कर अपनी वास्तविकता भूल जाती है और बार-बार अपने जीवन लक्ष्य से विचलित हो जाती है। श्रद्धा एकमात्र ही वह प्रकाश है जो आत्मा को परमात्मा से मिलाती है और ईश्वर तक जाने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। श्रद्धा ही वह माध्यम है जो हमारे मन और बुद्धि को भगवान से जोड़ती है।
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