यदि भगवान से कुछ माँगना ही हैं तो केवल दुःख माँगिये, श्रीकृष्ण ने जब अपनी परम भक्त कुंती से वरदान माँगने को कहा तो उन्होंने दुःखो की कामना की। यह अति विलक्षण सत्य हैं कि दुःखो में नित्य- निरंतर मनुष्य ईश्वर को याद करता हैं एवं सुखो के क्षणभंगुर आगमन से वह शाश्वत सत्य(परमात्मा) को ही भूल जाता हैं।
No comments:
Post a Comment