हर मनुष्य के जीवन में सफलताएँ और असफलताएँ दोनो ही आती हैं परन्तु मनुष्य को चाहिए कि वह असफलताओं और कष्टों को याद करने की अपेक्षा, उत्साह और उमंग के लिए आवश्क हैं कि जीवन के सुखद क्षण एवं सफलताओ को याद रखा जाए। ईश्वर पर पूर्ण आस्था रखना भी इसी दिशा की ओर प्रथम कदम हैं।
100percent correct.
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