यदि परमात्मा पर सच्चा एवं अटूट विश्वास हो तो जीवन में सुख आए या दुख सभी एक चलचित्र की भांति लगता हैं क्योंकि जो भी हम पर बीत रहा हैं वह हमारे स्वयं के संचित कर्मो का ही तो फल है।
अतः विचलित हुए बिना अपनी आस्था ईश्वर में लगाए रखें और जो घटित हो रहा हैं उसे होने दें यही प्रभु की रज़ा हैं सोच खुले दिल और शांत मस्तिष्क से हर नयी सुबह का स्वागत करें।
Wednesday, October 6, 2010
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