Thursday, October 28, 2010

इस सरस्वती की प्रतिनिधि जिह्वा से सात्विक अस्वाद भोजन और मधुर हितकारी वचन बोलने की साधना करनी चाहिए तभी तो हम सचमुच में माँ का वरदान सही अर्थों में पा सकेगें क्योंकि जिस प्रकार अन्य देवी-देवताओ से प्रार्थना करते हैं और वरदान प्राप्त करते हैं उसी प्रकार हमारी जबान को भी बिना नमक और चीनी का भोजन और मधुर वचन बोलने की साधना भी करनी चाहिए।

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