यदि ईश्वर की कृपा न होती तो आप इस अमूल्य मानव जीवन को न पा सकते
जीवन में जो कुछ मिला हैं,जैसा मिला हैं उसे ईश्वर की परम कृपा समझ स्वीकार करें और हर पल परम पिता को उनकी दयालुता के लिए धन्यवाद करें, आदर्शवादी जीवन का यही तो मर्म हैं। इस पथ पर चलते रहने से न केवल आप ईश्वर की परम कृपा के अधिकारी होगें,मोक्ष को भी प्राप्त होगें।
Thursday, October 7, 2010
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