दुनिया में दो ही तरह के लोग सुखी रह सकते है एक जो है मूढ़तम या दूसरे बहुत ही प्रखर बुद्धि वाले। मूढ़तम वह जो पेट-प्रजनन के ऊपर कुछ सोच ही नहीं सकते और प्रखर बु्द्धि वह जो विचार संपदा के आधार पर मिलने वाली रिद्धि-सिद्धियो को पाकर समाज एवं देश के
मार्गदर्शक बनते हैं। ऐसे ही व्यक्ति सबका श्रेय-सम्मान पाते हैं और हर किसी को परांगत बुद्धि प्राप्त करने की चेष्टा करनी चाहिए।
Thursday, October 21, 2010
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very informative!
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