Monday, November 1, 2010
भगवान ने यह अमूल्य मानव जीवन इसीलिए प्रदान किया हैं कि इसको वाकई अमूल्य बनाया जाए, व्यर्थ की बातों में समय न गवाँ कर हमेशा इस तरह अपना समय व्यवस्थित करें कि प्रभु नाम के साथ-साथ दूसरों का भला करने का भी पूरा मौका मिल सके और मानव जीवन जो बहुत मुश्किलों के बाद हमें मिला हैं वो कहीं व्यर्थ न चला जाए और परमपिता की ओर हमारा कर्तव्य कहीं अधूरा न रह जाए।
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