Monday, December 6, 2010

जीवन में कितनी ही असफलताएँ क्यों न आएँ परन्तु एक न एक मार्ग ऐसा अवश्य होता है जहाँ रोशनी की नन्हीं किरण टिमटिमाती रहती हैं और वह रास्ता हैं प्रभु में आस्था का परन्तु इसका भावार्थ यह नहीं कि जब जीवन में मुश्किल आए तभी ईश्वर को याद करें यहाँ कबीर का दोहा बहुत ही सटीक हैं कि दुख में सिमरन सब करे सुख में करे न कोई, जो सुख में सिमरन करे तो दुख काए को होए॥

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