Friday, December 24, 2010
आँखे भगवान की सबसे बड़ी नियामत हैं। आँखो के होने के कारण ही हम इस परमपिता की उत्कृष्ट कृतियों को देख सकते हैं। परन्तु जो व्यक्ति आँखे होने पर भी अदूरदर्शी हैं यानि जीवन जैसे अमूल्य हीरे को काँच समझ कर जी रहा हैं और भविष्य के उज्ज्वल सपने देख उनका निर्माण नहीं कर सकता वह परमात्मा की दी हुई इस अमूल्य निधि को गवाँ रहा हैं।
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