ईश्वर माता-पिता के भांति ही हमारी देख-रेख करते है, जिस प्रकार माता-पिता को यह ज्ञान होता है कि उनकी संतान की क्या इच्छा है,उसी प्रकार ईश्वर हमारी अभिलाषा से अनभिज्ञ नहीं है,परन्तु परमपिता परमेश्वर सदा ही न्याय करते है एवं हमारे कर्मानुसार ही हमें फल देते है।
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