Tuesday, September 14, 2010

मनुष्य को चाहिए कि हर अवस्था में वह अपनी मानसिक शांति बना कर रखें,चाहे सुख हो या दुख उसे किसी भी अवस्था को अपने मन पर हावी नहीं होने देना चाहिए। जीवन की डगर ही इस प्रकार की हैं कि सुख-दुख का तो चोली दामन का साथ है, परन्तु सुख-दुख को अपने ऊपर से इस प्रकार गुज़र जाने देना चाहिए कि मानो एक अनजान राहगीर हो,क्योंकि उसे तो चले ही जाना हैं तो उसके लिए मन की शांति क्यों भंग की जाए।

No comments:

Post a Comment