Tuesday, September 21, 2010
मरने से क्या डरना?? यह तो अटल सत्य हैं कि जो आया हैं वह जाएगा अवश्य इसलिए सदैव की मृत्यु के लिए तैयार रहना चाहिए। जिस प्रकार पुराने कपड़े उतार कर नए पहनना एक सुखद अनुभूति है उसी प्रकार जर्जर शरीर को नया जन्म तो लेना ही है। अतः इस शाशवत सच को अपनाने में और यथासमय गले लगाने में ही समझदारी हैं। जीवन के हर दिन को इस प्रकार जिएँ कि यही अंतिम दिन हैं और इसे भरपूर जीना हैं।
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ye ek kadwi sacchhai hai jise har insaan jaanta to hai,par samajhna nahin chahta.
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