Friday, December 11, 2009

गायत्री मंत्र का जाप नियमित रूप से बार-बार करना ही साधक की तपस्या है। इस मंत्र में परमात्मा से सद्‌बुध्दि प्रदान करने की माँग की गई है,परन्तु एक बार कह देने पर से सद्‍बुध्दि प्राप्त नहीं होती। जिस प्रकार एक छोटा बच्चा प्रतिदिन अभ्यास करने पर ही एक-एक अक्षर सीखता है,उसी प्रकार साधक के जाप की निरन्तरता एवं लगन की उसे परमतत्व की ओर प्रेरित करती है।

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