Wednesday, December 16, 2009

गायत्री मंत्र के उच्चारण से हम उन तत्वों को ग्रहण करते है जो श्रेष्ठ है, वरेण्य है। अर्थात हमारा नज़रिया वरेण्यमय हो जाता है।

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