Monday, July 5, 2010
माँ शब्द एक ऐसी सुदंर अनुभूति हैं कि जो सोचते ही होठों पर एक मधुर मुस्कान आ जाती हैं, माँ वो है जो बच्चे की हर पीड़ा हर वेदना समझती हैं, माँ वह है जो अपना सब कुछ वार बच्चो पर न्यौछावर कर देती है, पर जो बच्चे माँ को नहीं समझ सकते, उसके प्रेम को नहीं जान पाते वह न सिर्फ नादान हैं बल्कि जीवन के हर रिश्ते से अनिभिज्ञ एवं उदासीन हैं एवं उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं कर पाते क्योंकि जो बच्चे माँ की कदर करना नहीं जानते उनकी किस्मत में ठोकरों के अलावा कुछ नहीं रखा हैं जोकि देर या सवेर उन्हें मिल कर ही रहेंगी।
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you have touched my heart dear,because only you can understand me,in the whole universe.
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