Tuesday, July 27, 2010
जो मनुष्य पुरूषार्थी है उसे इसका फल अवशय ही मिलता हैं एसा विधि का विधान है जिसे ईश्वर को भी मानना ही पड़ता है क्योंकि जो नियम ईश्वर ने स्वयं बनाए हैं उनका पालन करना उनके लिए भी परम आवश्यक हैं यानि सम्पूर्ण सृष्टि नियम की धुरी पर ही टिकी हैं इसीलिए ईश्वर कोई अपवाद न रखते हुए उसका पालन दृढ़ता के साथ स्वयं भी करते हैं।
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