Monday, September 26, 2011

प्राण ही ब्रह्म है, प्राण ही माता-पिता है, यह प्राणों की ही शक्ति है जो हमें नित्य ही उर्जा प्रदान करती हैं। प्राण ही जीवन है, प्राण एसी ईश्वरीय शक्ति है जिनके बिना जीवन निराधार है।

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