Monday, November 29, 2010

ईश्वर आपकी असीम अनुकम्पा हैं कि आपसे हमें यह जीवन मिला, इस सम्पूर्ण संसार की वस्तुओं से बेश्कीमती आपकी भक्ति आपने हमें प्रदान की, एक विनती हैं आपसे कि एक भी साँस ऐसी न हो जो आपको बिसरा कर आए, यदि आए तो प्राण लेकर आपका सुमिरन दे जाए।

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