Friday, April 23, 2010

परमात्मा का विधान सदैव के लिए मंगलदायक होता हैं। वे हमारे परम हितैषी हैं एवं सदा हमारे हित का की विचारते हैं। देह का सुख सोचना हमारी मूर्खता हैं, हमें जन्म से पूर्व एवं मृत्यु के बाद का विचार करना चाहिए। हर पल इस बहूमल्य मनुष्य जीवन के लिए ईश्वर का धन्यवाद करें और सच्चे हॄदय से पूर्ण समर्पण करें।

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