Tuesday, January 4, 2011

सच्चा प्रयत्न और उसकी ओर बढ़ना ही ईश्वर की सच्ची अराधना है, भगवान हर जगह मौजूद हैं, हर उस प्रयत्न में जिसमें अच्छाई का भाव है उसमें ईश्वर ही तो विराजमान हैं। चाहे किसी बीमार की सेवा हो या पतित के उद्धार की भावना दोनो ही सत्कर्म से प्रेरित हैं।

No comments:

Post a Comment