Tuesday, January 25, 2011

जब भी ईश्वर से प्रार्थना करने बैठे तो एक ही बात बार-बार दोहराएँ कि मैं एक शांत-स्वरूप आत्मा हूँ और परमात्मा से मेरा सबसे घनिष्ठ संबंध है बाकी सभी संबंध तो दुनियावी हैं और यहीं रह जाएँगे परन्तु परमात्मा आपके साथ सदा से हैं और सदैव ही आपके पास/साथ हैं केवल उन्हें महसूस कीजिए तब आपको सबकुछ प्रभुमय लगेगा।

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