Wednesday, March 17, 2010

ब्रह्ममहूर्त में उठ कर जो ईश्वर को स्मरण करता हैं, ईश्वर उस पर अपनी कृपा दॄष्टि सदैव ही बनाए रखते हैं, एवं यह भक्त भगवन को अत्यन्त प्रिय हैं क्योंकि ईश्वर तो भावना के भूखे हैं,और इस प्रेम-त्याग का मिश्रित भाव परमपिता को भाव विभोर कर देता हैं।

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