Friday, March 19, 2010

प्रभुप्राप्ति ही राजमार्ग हैं। भगवान बार-बार हमें यह बात भागवत गीता द्वारा बताते हैं कि इसी जीवन में बंधनो से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर लो। मोक्ष का अर्थ हैं चेतना का ऊधर्वीकरण, यानि अपना अहं मिटाकर भगवान में लीन हो जाना, ऐसा होने पर परमात्मा हमारी चेतना में कण-कण में निवास करने लगते हैं और सभी दुःख-कष्ट मिट जाते हैं।

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