Monday, April 18, 2011

न आकाश न पाताल, न मक्का,न मदीना भगवान का स्थान तो यह नही है, मेरे परमपिता परमात्मा तो हरेक इंसान के अतःकरण में निवास करते हैं, केवल उन्हे तलाशिए और अपना सर्वस्व उनको समर्पित कर दीजिए, जिस तरह वो चाहते हैं उसी तरह अपना जीवन व्यतीत कीजिए और बाकी सब की चिंता भगवान पर छोड़ दीजिए।

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