Thursday, March 10, 2011

जब आप इस दुनिया में आए तो ईश्वर ने आपको जीवन दान दिया, जो भी मिला यहीं से मिला और इसे यहीं छोड़ के दुनिया से विदा लेनी होगी, केवल आपके कर्म ही तो हैं जो आपके साथ जाएँगे और आपका अगला जन्म निर्धारित करेगें तो क्यों न आप अपने कर्म सुधारें जिन्हे आपके साथ जाना है बाकी सब तो यहीं छूट जाना है तो फिर यह संग्रह किसलिए? इच्छाएँ न कभी पूरी होती हैं और न कभी होगीं तो उनके पीछे यह बहूमूल्य ईश्वर की देन को क्यों व्यर्थ गवाएँ निर्णय आपका है?

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