Tuesday, March 22, 2011

परमात्मा दया का सागर हैं, वह सभी कुछ हम पर न्यौछावर कर देते हैं, सब कुछ जो हमें मिला है उसी परमपिता की कृपा का स्वरूप है। इस जीवन और ईश्वर की असीम अनुकम्पा के लिए हर क्षण उनकी ओर नतमस्तक हो और अन्य प्राणियों पर प्रेम की वर्षा करते रहें।

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