Thursday, March 17, 2011

कर्म ही आपका धर्म है, अपना धर्म भगवान का आदेश समझ करते चलें और राह में जो भी मिले उसकी सहायता करते चलें, जीवन भगवान का प्रसाद है और आपके कर्म आपका कल और अगला जीवन निर्धारित करते हैं अतः अपना हर कार्य इस प्रकार करें कि वह वेदानुकूल हो एवं आपको शांति प्रदान करें।

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