Wednesday, December 8, 2010

बच्चे अपने माता-पिता को उनके हाल पर छोड़ सकते हैं परन्तु माँ-बाप ऐसा कभी नहीं कर सकते, उन्हें तो हर हाल में अपने बच्चों की ही चिन्ता सताती हैं। बच्चे स्वार्थी हो अपनी अलग दुनिया बसा सकते हैं पर माता-पिता के लिए तो उनकी दुनिया उनके बच्चे ही होते हैं। इसी तरह हम सभी परमपिता की संतान हैं और ईश्वर हमें सदैव स्मरण रखते हैं।

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