Thursday, December 16, 2010

"करमण्येवाधिकारस्ते" अर्थात भागवतगीता में कहा गया हैं कि कर्म पर अपना अधिकार है,फल पर नही। इस बात को जो समझ गया वह व्यक्ति जीवन में कभी निराश या उदास नहीं होता और असफलता मिलने पर भी अपनी हिम्मत टूटने नहीं देता, वह तो सदा ही बढता रहता हैं और अंततः सफलता उसे ही प्राप्त होती हैं।

1 comment:

  1. भागवतगीता ki jagah bhagwad gita hona chahiye..

    Seems, there was a typing error.

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