Friday, February 4, 2011

भौतिक सफलताएँ उतनी देर ही सुख देती हैं जब तक उनकी प्राप्ति नहीं होती जैसे ही वह प्राप्त हो जाती हैं उनकी महत्ता समाप्त हो जाती है। परन्तु आत्मिक प्रगति जिनके लिए ही हमें यह मानव शरीर मिला है चिरस्थाई रहती हैं और जीवन को श्रेष्ठ और सफल बनाती हैं और जो उपासना एवं साधना द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है।

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