Tuesday, February 22, 2011

ईश्वर किसी से भी पक्षपात नहीं करते हरेक को उतना ही मिलता है जितने का वो अधिकारी है उससे ज़्यादा उसे मिल नहीं सकता क्योंकि उसके संचित कर्म उसे प्राप्त करने के अधिकारी नहीं बनाते और कितनी भी कोशिश कर ले मनुष्य को कभी उससे बेहतर जीवन नहीं मिल सकता जो ईश्वर ने उसके लिए निरधारित किया है।

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