Monday, February 21, 2011

जीवन को कितना सुदंर बनाना है यह इंसान के अपने हाथ में है किसी के भी कहने में न आकर केवल अपना कर्म करते जाएँ और बाकी सभी कुछ ईश्वर के हाथों में सौंप दें। क्योंकि मनुष्य के हाथ तो केवल वर्तमान है केवल ईश्वर ही भविष्य जानते हैं अतः सर्वस्व परमपिता को अर्पित कर दें फिर चाहे वह जो भी चाहें आपके हित में ही होगा एवं भगवान आपका योगक्षेम वहन करेगें यानि आपका भार स्वयं पर ले लेगें।

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