Monday, December 7, 2009

लयबध्द प्राणायाम-प्रकिया रोगो से मुक्त होने का सर्वश्रेष्ठ साधन है। इनमें से प्रमुख है लयबध्द एवं मध्यम गति से साँसो को बाहर छोड़ना जिसे कपालभाति प्राणायाम कहते है और द्वितिय है अनुलोम-विलोम प्राणायाम जिसमें मध्यम गति से साँस लिया और छोड़ा जाता है, साँस लेते हुए पेट फूले और छोड़ते हुए पेट सुकड़े, इसका विशेष ध्यान रखें। जितने समय में साँस ले,उतने ही समय में धीमी गति से साँस को बाहर छोड़े। लयबध्द प्राणायाम से ना केवल मन एकाग्र होता है अपितु शरीर सम्पूर्ण रोगमुक्त होता है ।

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