Wednesday, December 30, 2009

गायत्री परमात्मा की शक्ति है। परमात्मा की शक्ति सर्वत्र कण-कण में,संसार-ब्रह्मांड में व्याप्त है,सभी कुछ गायत्रीमय है। गायत्री माता के शरीर में ही सम्पूर्ण जग समाहित है। यह भावना "गायत्री का विराट रूप दर्शन"कहलाती है।

No comments:

Post a Comment