Wednesday, January 13, 2010

परम पिता परमेश्वर के प्रति सदा हमारे मन में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। उसने जितना दिया है उसमें सन्तुष्ट रहना चाहिए,न कि एक याचक की भातिं माँगते ही रहना चाहिए,अगर कुछ माँगना ही है तो केवल ईश्वर से उनकी भक्ति एवं प्रेम की ही याचना करें।

No comments:

Post a Comment