Sunday, January 31, 2010

साधना से ही हमारे चिन्तन, चरित्र और व्यवहार में उत्कृष्टता आती हैं ,साधना से ही साधक के जीवन में वसन्त का आगमन होता है, नवसृजन के अंकुर फूटते है, जीवन संवरता है एवं परमात्मा रूपी लक्ष्य की प्राप्ति होती हैं।

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