Saturday, January 23, 2010

प्रभु समर्पित जीवन सभी का होना चाहिए। नित्य-नियमित जितना समय मिले,प्रभु को स्मरण अवश्य करें। थोड़ी देर की प्रार्थना-जप-ध्यान-भावपूर्वक गायत्री मंत्र या ओंकार का नाद हमारे चौबीस घंटे ऊर्जा एवं उल्लास से भर देते है।

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