Monday, February 8, 2010

जीवन-मृत्यु का फैसला ईश्वर के हाथ हैं,यह कोई नहीं जानता कि कब उसकी मृत्यु आकर जीवन से उसका हाथ छुड़ा कर ले जाएगी, अतः हर पल, हर छिन उस परमात्मा को स्मरण रखें ताकि अंतसमय तक कुछ स्मरण रहे तो केवल परमात्मा का नाम,शेष सब यहीं रह जाता हैं।

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